IPL 2013 Spot Fixing Scandal: Shocking Truths and Major Players Involved

क्रिकेट का काला अध्याय: IPL 2013 spot fixing scandal

भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक भावना है, जिसे लाखों लोग दिल से जोड़ते हैं। हर मैच की रोमांचक धड़कनों को कमेंटेटर्स के जरिए करोड़ों घरों तक पहुंचाया जाता है। लेकिन 2013 में इस प्यारे खेल पर एक काला धब्बा लग गया, जब IPL 2013 spot fixing scandal सामने आया। इस घटना ने न सिर्फ खिलाड़ियों बल्कि फैन्स को भी स्तब्ध कर दिया, और खेल की ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए।

फिक्सिंग घोटाले की शुरुआत

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा सख्त सजा के बावजूद, वर्ष 2000 में क्रिकेट में भ्रष्टाचार फिर से सामने आया। कई बड़े नाम, जिनमें Team India के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन भी शामिल थे, मैच फिक्सिंग में फंस गए, जिसके चलते BCCI ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाया। कई वर्षों तक ऐसा लगा कि क्रिकेट ने इस बुराई से छुटकारा पा लिया है, लेकिन 2013 में आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग ने इतिहास को फिर दोहराया।

13 साल के बाद वही शोर, वही बदनामी, और एक बार फिर से खबरों में फिक्सिंग का जिक्र हुआ। इस बार, दुनिया की सबसे बड़ी टी-20 लीग से जुड़े खिलाड़ी फिक्सिंग में शामिल पाए गए, जिसने खेल की साख को गहरा धक्का पहुंचाया।

IPL 2013 spot fixing scandal फिक्सिंग कैसे हुई?

IPL 2013 spot fixing scandal
IPL 2013 spot fixing scandal

IPL 2013 spot fixing scandal एक रोमांचक सस्पेंस की तरह सामने आया। अंडरवर्ल्ड के लोगों ने भारतीय बुकीज से संपर्क किया, लेकिन इस बार उनका निशाना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं था, बल्कि दुनिया की सबसे अमीर और लोकप्रिय क्रिकेट लीग आईपीएल थी। उन्होंने पूरा मैच फिक्स करने की बजाय, स्पॉट फिक्सिंग की योजना बनाई, जहां कुछ गेंदों और ओवरों को हेरफेर कर सट्टेबाजों को फायदा पहुंचाया गया।

मैच के हर सत्र पर सट्टेबाजी की जाती थी, जैसे पहले 6 ओवर में कितने रन बनेंगे। इसका पूरा मकसद बुकीज को सट्टे के बाज़ार में फायदा पहुंचाने का था।

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई

स्पॉट फिक्सिंग का भंडाफोड़ महज एक संयोग से हुआ। दिल्ली पुलिस अंडरवर्ल्ड के कुछ अपराधियों के फोन कॉल्स सुन रही थी, जब अचानक उन्हें बुकीज और क्रिकेटरों की बातचीत सुनाई दी। पुलिस ने तब पूरा शक जताते हुए आईपीएल टूर्नामेंट के दौरान कॉल्स को टैप करना शुरू किया।

इन्हीं रिकॉर्डिंग्स में, अजित चंदीला और अंकित चौहान का नाम सामने आया, जो राजस्थान रॉयल्स टीम से जुड़े थे। इसके साथ ही, भारतीय क्रिकेट के तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत का नाम भी फिक्सिंग में सामने आया।

फिक्सिंग का तरीका: बुकीज की भूमिका

5 मई 2013 को राजस्थान रॉयल्स और पुणे वारियर्स के बीच मैच में, बुकी अमित ने अजित चंदीला को 14 रन देने का आदेश दिया। चंदीला को इस काम के लिए पहले से पैसे दिए गए थे, लेकिन वो इशारा करना भूल गए, जिससे बुकीज को सट्टा लगाने का समय नहीं मिल सका।

इसी तरह, एस. श्रीसंत को भी उनके ओवर में 14 से अधिक रन देने का आदेश दिया गया। उनका इशारा तौलिया को पैंट में डालना था, जो उन्होंने किया, और बुकीज ने उसी के मुताबिक सट्टेबाजी की।

बड़े नाम और बड़े खुलासे: अंपायर और बॉलीवुड कनेक्शन

इस घोटाले में सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि पाकिस्तानी अंपायर असद रऊफ भी शामिल थे, जो अंडरवर्ल्ड को मैच की जानकारी देते थे। इसके अलावा, बॉलीवुड अभिनेता विंदू दारा सिंह का नाम भी फिक्सिंग में जुड़ा। उनकी कॉल रिकॉर्डिंग से चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन का नाम भी सामने आया।

BCCI ने तुरंत कड़ा एक्शन लिया। एस. श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चौहान को क्रिकेट से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया। वहीं, चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स फ्रेंचाइजी को भी दो साल के लिए आईपीएल से बैन कर दिया गया।

नतीजा: भारतीय क्रिकेट पर काला धब्बा

2013 का आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग घोटाला भारतीय क्रिकेट के लिए एक कड़वा सच था। इससे क्रिकेट फैंस का भरोसा टूट गया और खेल की ईमानदारी पर सवाल उठने लगे। कोर्ट में कोई सख्त कानून न होने के कारण खिलाड़ी तो बच निकले, लेकिन BCCI की सख्त कार्रवाई ने एक तरह से खेल की साख को कुछ हद तक बचाया।

निष्कर्ष

IPL 2013 spot fixing scandal यह दिखाता है कि लालच कैसे हमारे पसंदीदा खेलों को भी भ्रष्ट कर सकता है। इस घोटाले ने भारतीय क्रिकेट की नींव हिला दी, जिससे खिलाड़ियों, फैन्स और खेल की विश्वसनीयता को भारी नुकसान पहुंचा। हालांकि, सख्त कदम उठाए गए, लेकिन इसका दीर्घकालिक प्रभाव क्रिकेट पर अब भी बना हुआ है।

अगली कहानी में हम क्रिकेट से जुड़ी एक और फिक्सिंग घटना के बारे में बात करेंगे। तब तक के लिए, अलविदा और सुरक्षित रहें।

FAQs

1. आईपीएल 2013 स्पॉट फिक्सिंग घोटाला क्या था?

IPL 2013 Spot Fixing Scandal में कुछ खिलाड़ियों और बुकीज ने मैच के कुछ खास हिस्सों में हेरफेर करके सट्टेबाजों को फायदा पहुंचाया।

2. इस घोटाले में कौन-कौन से खिलाड़ी शामिल थे?

राजस्थान रॉयल्स के एस. श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चौहान जैसे बड़े नाम इस घोटाले में शामिल थे। इसके अलावा, पाकिस्तानी अंपायर असद रऊफ और बॉलीवुड अभिनेता विंदू दारा सिंह भी इसमें फंसे थे।

3. BCCI ने क्या कार्रवाई की?

BCCI ने फिक्सिंग में शामिल खिलाड़ियों को आजीवन प्रतिबंधित कर दिया और चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स फ्रेंचाइजी को दो साल के लिए आईपीएल से बैन कर दिया।

4. क्रिकेट में स्पॉट फिक्सिंग क्या है?

स्पॉट फिक्सिंग में मैच के किसी खास हिस्से (जैसे ओवर या गेंद) को हेरफेर किया जाता है, ताकि बुकीज को सट्टेबाजी में फायदा हो सके। इसमें पूरे मैच के परिणाम की हेरफेर नहीं होती है।

5. इस घोटाले का भारतीय क्रिकेट पर क्या असर पड़ा?

इस घोटाले ने भारतीय क्रिकेट, खासकर आईपीएल की छवि को बुरी तरह प्रभावित किया। फैन्स का खेल पर से भरोसा उठ गया और खेल की साख को गहरा धक्का पहुंचा। हालांकि, BCCI की सख्त कार्रवाई से कुछ हद तक भरोसा वापस लाया गया।

 

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