सुप्रीम कोर्ट ने इसे एक ‘महत्वपूर्ण चिंता’ बताया और इस पर बैन लगाने से जुड़ी याचिका को लेकर केंद्र सरकार और अन्यों से जवाब मांगा है। जस्टिस B R Gavai और Augustine George Masih की बेंच ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए उपाय लागू करना विधानमंडल या कार्यकारिणी की जिम्मेदारी है। बेंच का कहना था कि यह सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र के अंदर नहीं है।
